यीशु मसीह की पृष्ठभूमि पर आखिरी बातें क्या थीं?

यीशु मसीह की पृष्ठभूमि पर आखिरी बातें क्या थीं?

[येशु ने कहा, “पिता! इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये नहीं जानते कि क्‍या कर रहे हैं।”] तब उन्‍होंने चििट्ठयाँ डाल कर येशु के वस्‍त्र आपस में बाँट लिये।

लूकस 23:34

येशु ने उससे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, तुम आज ही स्‍वर्गधाम में मेरे साथ होगे।”

लूकस 23:43

येशु ने अपनी माता को और उनके पास खड़े अपने उस शिष्‍य को, जिस से येशु प्रेम करते थे, देखा। उन्‍होंने अपनी माता से कहा, “हे नारी! देखिए, यह आपका पुत्र है।” इसके पश्‍चात् उन्‍होंने उस शिष्‍य से कहा, “देखो, यह तुम्‍हारी माँ हैं।” उसी समय से वह शिष्‍य मरियम को अपने घर ले गया।

योहन 19:26-27

लगभग तीन बजे येशु ने ऊंचे स्‍वर से पुकारा, “एली! एली! लेमा सबकतानी?” अर्थात् “हे मेरे परमेश्‍वर! हे मेरे परमेश्‍वर! तूने मुझे क्‍यों त्‍याग दिया है?”

मत्ती 27:46

तब येशु ने यह जान कर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका है, धर्मग्रन्‍थ का लेख पूरा करने के उद्देश्‍य से कहा, “मैं प्‍यासा हूँ।”

योहन 19:28

येशु ने अम्‍लरस ग्रहण कर कहा, “सब पूरा हुआ।” और सिर झुका कर अपना प्राण त्‍याग दिया।

योहन 19:30

येशु ने ऊंचे स्‍वर से पुकार कर कहा, “पिता! मैं अपनी आत्‍मा को तेरे हाथों में सौंपता हूँ”, और यह कह कर उन्‍होंने प्राण त्‍याग दिये।

लूकस 23:46