धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं

धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं

3  
“धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।

4  
धन्‍य हैं वे, जो शोक करते हैं; क्‍योंकि उन्‍हें सान्‍त्‍वना मिलेगी।

5  
धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं; क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।

6  
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्‍यासे हैं; क्‍योंकि वे तृप्‍त किये जाएँगे।

7  
धन्‍य हैं वे, जो दयालु हैं; क्‍योंकि उन पर दया की जाएगी।

8  
धन्‍य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है; क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के दर्शन करेंगे।

9  
धन्‍य हैं वे, जो मेल-मिलाप कराते हैं; क्‍योंकि वे परमेश्‍वर की संतान कहलाएँगे।

10  
धन्‍य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्‍याचार सहते हैं; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।

11  
“धन्‍य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्‍हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्‍याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं।

12  
खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।

Matthew 5 in Hindi

Matthew 5 in English

धन्‍य है वह मनुष्‍य जो दुर्जनों की सम्‍मति पर नहीं चलता

धन्‍य है वह मनुष्‍य जो दुर्जनों की सम्‍मति पर नहीं चलता

1  
धन्‍य है वह मनुष्‍य जो दुर्जनों की सम्‍मति पर नहीं चलता, जो पापियों के मार्ग पर खड़ा नहीं होता, और जो उपहास-प्रिय झुण्‍ड में नहीं बैठता

2  
पर उसका सुख प्रभु की व्‍यवस्‍था में है, और वह दिन-रात उस का पाठ करता है।

3  
वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्‍य करता है, वह सफल होता है।

4  
पर अधार्मिक मनुष्‍य ऐसे नहीं होते! वे भूसे के समान हैं, जिसे पवन उड़ाता है।

5  
अत: न अधार्मिक मनुष्‍य अदालत में, और न पापी मनुष्‍य धार्मिकों की मंडली में खड़े हो सकेंगे।

6  
प्रभु धार्मिकों का आचरण जानता है। परन्‍तु अधार्मिक अपने आचरण के कारण नष्‍ट हो जाएंगे।

Psalm 1 in Hindi

Psalm 1 in English