2021-06-302021-07-05 पर प्रकाशित किया गया द्वारापाठक योजनाएँ – जून 2021 यीशु मसीह की प्रार्थना 5 दिन किसी भी रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए वार्तालाप का क्या महत्व है, इस बात को हम जानते हैँ, और परमेश्वर के साथ हमारा रिश्ता इस बात से अलग नही है। प्रार्थना के द्वारा हम वार्तालाप करतें रहें, इसके लिए परमेश्वर लालायित रहतें हैं—ऐसा अनुशासन जिसका पालन, यहाँ तक कि उसके पुत्र यीशु मसीह ने भी किया। इस योजना के अंतर्गत, आप यीशु मसीह के उदाहरण से सीखेंगे, और आपको जिंदगी की भीड़-भाड से बाहर निकलने की चुनौतियाँ दी जाएँगी तथा वो सामर्थ और सहायता जो केवल प्रार्थना से मिलती हैं, आप ख़ुद इसका अनुभव करेंगे। परमेश्वर की ओर अपने रास्ते को वापिस ढूँढना 5 दिन क्या आप अपने जीवन से कुछ और अधिक अपेक्षा कर रहें हैं? परमेश्वर के साथ आपका संबंध अभी जहाँ भी हो—और अधिक चाहने का अर्थ है वास्तव में परमेश्वर की ओर मुड़ने/जाने की लालसा/तड़प होना। जब हम परमेश्वर के पास वापिस जाने का रास्ता ढूँढ लेते हैं —तब हम सब मील का पत्थर —या जागृति का अनुभव करतें हैं। यह सब जाग़ृतियों के बीच का सफ़र, औऱ वो स्थान जहाँ आप अभी हों और जहां आप पहुँचना चाहते हो, की दूरी को कम करता है। हम परमेश्वर को ढूँढ़ना चाहते हैं, लेकिन उससे अधिक परमेश्वर चाहतें है कि हम उन्हें ढूंढें। क्रोध को छोड़ देना पांच दिन क्रोध सबसे प्रबल भावनाओं में से एक है – यह लाभकारी और प्रेममय भी हो सकता है, और विनाशकारी और स्वार्थपरायण भी हो सकता हैl हमारी प्रतिदिन की रोटी में से इन पांच चिन्तनों को पढ़ते हुए अपने क्रोध को परमेश्वर के हवाले कर देने के विषय में और अधिक जानेंl काइल आइडलमैन के साथ उड़ाऊ पुत्र रूपांतर । 7 दिवस उनकी पुस्तक “AHA” में से लिया गया, काइल आइडलमैन के साथ जुड़ें, जबकि उन्होंने इन ३ तत्वों को खोजा है, जो हमें परमेश्वर के और नज़दीक ले जा सकतें हैं और हमारे जीवन को भलाई के लिए बदल सकतें हैं। क्या आप परमेश्वर के क्षण के लिए तैयार हैं जो सब कुछ बदल सकता है ? जीतने वाली प्रवृति 8 दिन खुशी क्या है? सफलता? भौतिक लाभ? एक संयोग? ये मात्र अनुभूतियां हैं। प्रायः खुशी के प्रति अनुभूति होते ही वह दूर चली जाती है। यीशु सच्ची व गहरी खुशी व आशीष को परिभाषित करते हैं। वह बताते हैं कि आशीष निराश नहीं वरन जीवन रूपान्तरित करती है। वह निराशाओं और संकट में प्रकाशित होती है। वह हमारी व हमारे करीबियों की आत्मा को हर समय व परिस्थिति में उभारती है। सच्ची आत्मिकता 7 दिन एक सच्चे मसीही का जीवन कैसा होता है?रोमियों 12, बाइबल का यह खण्ड, हमें एक तस्वीर प्रदान करता है। इस पठन योजना में आप, सच्ची आत्मिकता के अन्तर्गत पढ़ेंगे कि परमेश्वर हमारे जीवन के हर एक हिस्से को बदलते हैं- अर्थात हमारे विचारों, नज़रिये, दूसरों के साथ हमारे रिश्ते, बुराई के साथ हमारी लड़ाई को। परमेश्वर की उत्तम बातों को ग्रहण करके आज ही गहराई से संसार को प्रभावित करें। चिन्ता को उसी के रचे खेल में हराना चार दिन चिंता किसी भी प्रारूप में कमज़ोर बना सकती है क्योंकि यह हमें असंतुलित करके भयभीत बना देती है। हालांकि यह कहानी का अन्त नहीं है, क्योंकि प्रभु यीशु में हमें परेशानियों से मुक्ति और जय पाने का अनुग्रह मिलता है। हम केवल इस पर जय ही नहीं पाते वरन पहले से बेहतर बन जाते हैं। इसके लिए परमेश्वर के वचन और सुनिश्चित करने वाली परमेश्वर की उपस्थिति का धन्यवाद दें।