2021-06-072021-06-18 पर प्रकाशित किया गया द्वारासंसार की ज्योति मैं हूँ येशु ने लोगों से फिर कहा, “संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, वह अन्धकार में कभी नहीं चलेगा वरन् वह जीवन की ज्योति प्राप्त करेगा।” योहन 8:12 जो लोग अन्धकार में भटक रहे थे,उन्होंने बड़ी ज्योति देखी;जो लोग गहन अन्धकार के क्षेत्र में रहते थे,उन पर ज्योति उदित हुई। यशायाह 9:2 प्रभु मेरी ज्योति और मेरा सहायक है;तब मैं किससे डरूँ?प्रभु मेरा जीवन-रक्षक है;तब मैं क्यों भयभीत होऊं? भजन संहिता 27:1 परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है। 2 कुरिन्थियों 4:6 यदि मसीह आप में निवास करते हैं, तो पाप के फलस्वरूप शरीर भले ही मृत हो, किन्तु परमेश्वर के मुक्ति-विधान के फलस्वरूप पवित्र आत्मा ही तुम्हारा जीवन है। जिसने येशु को मृतकों में से जिलाया, यदि उसका आत्मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने येशु मसीह को मृतकों में से जिलाया, वह अपने आत्मा द्वारा, जो आप में निवास करता है, आपके नश्वर शरीर को भी जीवन प्रदान करेगा। रोमियों 8:10-11 आप लोग पहले ‘अन्धकार’ थे, अब प्रभु के शिष्य होने के नाते ‘ज्योति’ बन गये हैं। इसलिए ज्योति की सन्तान की तरह आचरण करें। इफिसियों 5:8 परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्वयं ज्योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।यदि हम कहते हैं कि हम निष्पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्वीकार करते हैं, तो परमेश्वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्योंकि वह विश्वसनीय तथा धार्मिक है। 1 योहन 1:7-9 “तुम संसार की ज्योति हो। पहाड़ पर बसा हुआ नगर छिप नहीं सकता। लोग दीपक जला कर पैमाने के नीचे नहीं, बल्कि दीवट पर रखते हैं, जहाँ से वह घर के सब लोगों को प्रकाश देता है। इसी प्रकार तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे, जिस से वह तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें। मत्ती 5:14-16 वह ज्योति अन्धकार में चमकती रही,और अन्धकार उसे नहीं बुझा सका। योहन 1:5